मुंबई : गर्मी और उमस के बीच मुंबईकरों के लिए यह चिंता का विषय है कि मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों में 10% से भी कम पानी का स्टॉक बचा है। झीलों में पिछले तीन साल के मुकाबले इस साल यह सबसे कम पानी का स्टॉक है। हालांकि, झीलों में पानी के कम स्टॉक के बाद भी बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी मुंबईकरों को आश्वासन दे चुके हैं कि मुंबई में पानी कटौती नहीं होगी। बता दें कि मुंबई को अपर वैतरणा, तानसा, भातसा, मोडक सागर, मध्य वैतरणा, विहार एवं तुलसी झील से पानी की सप्लाई होती है। इन सातों झीलों में 23 मई तक 148743 एमएलडी पानी बचा है, जो झीलों की कुल क्षमता का महज 10.28% है। यह पिछले तीन में झीलों में सबसे कम पानी का स्टॉक है। इसके मुकाबले वर्ष 2023 में झीलों में इस दौरान 231499 एमएलडी यानी झीलों की कुल क्षमता का 15.99% था। वर्ष 2022 में 298560 एमएलडी यानी झीलों में पानी का स्टॉक 20.63% था। बता दें कि बीएमसी इन झीलों से मुंबई में रोज़ाना 3850 एमएलडी पानी की सप्लाई करती है।
सरकार ने रिजर्व कोटे से पानी देने को कहा
मुंबई को पानी आपूर्ति करने वाली झीलों में कम स्टोरेज को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने रिजर्व कोटे में से बीएमसी को अतिरिक्त पानी देने का निर्णय लिया है, ताकि मुंबई में जुलाई के आख़िरी तक पानी की समस्या नहीं हो। लेकिन यदि समय से अच्छी बारिश नहीं हुई, तो बीएमसी के सामने मुंबईकरों को पानी आपूर्ति करने की गंभीर चुनौती होगी। पानी की समस्या पर कमिश्नर गगरानी ने पिछले दिनों अधिकारियों के साथ बैठक की थी।