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दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करना होगा महंगा

क्या आप अपने बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दें कि इसका शुल्क बढ़ाने की तैयारी लगभग हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। एक सूत्र के मुताबिक नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद शुल्क में बदलाव हो सकते हैं।

नई दिल्ली। क्या आप अपने बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दें कि इसका शुल्क बढ़ाने की तैयारी लगभग हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। एक सूत्र के मुताबिक नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद शुल्क में बदलाव हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक दूसरे बैंक के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन करने पर शुल्क (इंटरचेंज शुल्क) बढ़ाकर 20 से 23 रुपये तक किया जा सकता है और ज्यादा नकदी निकालने पर अतिरिक्त सुविधा शुल्क भी लिया जा सकता है। जिन इलाकों में बैंकों की पैठ या एटीएम कम हैं वहां शुल्क कम रखने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) के लाभार्थी एटीएम से आराम से रकम निकाल सकें।

ज्यादा बार भरने पर रहे एटीएम
जानकारों ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक और एटीएम उद्योग परिसंघ के बीच हुई हालिया बैठक के में इन मसलों पर चर्चा की गई। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, किराये, ईंधन के खर्च, नकदी भरने के शुल्क और गृह मंत्रालय की सुरक्षा शर्तों का पालन करने के कारण लागत बहुत बढ़ गई है। दरअसल, 2,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अब एटीएम में नोट भी ज्यादा बार भरने पड़ते हैं। कन्नन समिति की सिफारिश थी कि इंटरचेंज शुल्क और एटीएम उपयोग शुल्क पर नियत समय के बाद विचार होना चाहिए ताकि लागत से जुड़ी परेशानी दूर हो सकें। इस समय का फैसला रिजर्व बैंक करेगा। उद्योग इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाकर 20 रुपये किए जाने के लिए तैयार था मगर सुनने में आ रहा है कि कैसेट बदलने के खर्च की भरपाई के लिए इसे बढ़ाकर 23 रुपये किया जा सकता है।

नए एटीएम लगाने के ऑर्डर दिए
एटीएम पर लगने वाले शुल्क की समीक्षा की खबर के साथ ही यह जानकारी भी आई है कि जब सितंबर 2023 से मार्च 2024 तक 45,000 नए एटीएम और कैश रीसाइक्लिंग मशीनों के ऑर्डर दिए गए हैं। उससे पहले की छमाही के मुकाबले यह ऑर्डर छह गुना है। यह आंकड़ा नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय से आज तक लगाए गए एटीएम से भी ज्यादा है। नोटबंदी के समय देश में करीब 2.25 लाख एटीएम थे और इस समय इनकी संख्या 2.60 लाख है यानी पिछले करीब साढ़े सात साल में इनकी संख्या में 35,000 का ही इजाफा हुआ है।

कम पैठ वाले इलाकों में लगेंगे एटीएम
एटीएम इंटरचेंज शुल्क व्यवस्था की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। बैंकों की कम पैठ वाले इलाकों में एटीएम लगाने का काम तेज करने के लिए रिजर्व बैंक ने इस समिति का गठन किया था। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के तत्कालीन मुख्य कार्य अधिकारी वीजी कन्नन की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 22 अक्टूबर 2019 को सौंप दी थी।

कब लगता है इंटरचेंज शुल्क ?
इंटरचेंज शुल्क तब लगाया जाता है, जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम या व्हाइट लेबल एटीएम पर जाकर अपने कार्ड से लेनदेन करते हैं। यह शुल्क आपके बैंक से वसूला जाता है। पहले यह शुल्क 15 रुपये प्रति लेनदेन था, जिसे 1 अगस्त 2021 को बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया। गैर वित्तीय लेनदेन पर शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया गया। मगर 2012 में एटीएम इंटरचेंज शुल्क 18 रुपये था, जिसे घटाकर 15 रुपये किया गया था।

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