महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा लोगों से जबरन पैसे मांगने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, पुणे में अब ट्रांसजेंडर ट्रैफिक सिग्नल और किसी व्यक्ति के घरों में जबरदस्ती पैसे नहीं मांग सकते है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आम आदमी के उत्पीड़न को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
पुणे पुलिस ने ट्रांसजेंडरों द्वारा जबरन पैसे मांगने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस पर पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, “यह देखा गया है कि ट्रांसजेंडर और ऐसे अन्य व्यक्ति त्योहारों या बच्चों के जन्म जैसे अवसरों पर लोगों के घरों या प्रतिष्ठानों में जाते हैं और लोगों द्वारा स्वेच्छा से दिए जाने वाले पैसे से अधिक पैसे की जबरन मांग करते हैं। यह अधिसूचना घरों में ऐसे किसी भी बिन बुलाए शख्स पर रोक लगाने के लिए है।”
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी किया गया आदेश पुलिस को मिली कई शिकायतों के चलते जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कुमार ने बताया कि ट्रैफिक जंक्शनों पर भी इस तरह की घटना के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थीं। उन्होंने कहा, “हम इसे बहुत सख्ती से लागू करेंगे। निगरानी के लिए सीसीटीवी का भी इस्तेमाल किया जाएगा…अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी…।”
ट्रांसजेंडर्स द्वारा लोगों को परेशान करने की कई खबरें आ चुकी हैं।
2021 में ट्रांसजेंडरों के एक समूह ने एक परिवार को बंधक बना लिया, जब वे बच्ची के जन्म के बाद 51,000 रुपये नहीं दे सके। कथित तौर ट्रांसजेंडरों ने घर में तोड़फोड़ भी की।
मुंबई से एक ट्रांसजेंडर ने बढ़िया नेग नहीं मिलने पर एक नवजात बच्ची के साथ रेप किया था और उसकी हत्या कर दी। यह खौफनाक वारदात 2021 में हुई थी। मासूम की उम्र महज तीन महीने थी। मुंबई की एक विशेष अदालत ने हाल ही में उसे मौत की सजा सुनाई।