Maharashtra Day : महाराष्ट्र के लोगों के लिए 1 मई बहुत खास दिन होता है, क्योकि इस दिन वे अपने राज्य का स्थापना दिवस यानी महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Day 2024) मनाते है। यही वो दिन है जिस दिन मराठी लोगों को नई स्वतंत्र पहचान मिली। भारत की आजादी से पहले महाराष्ट्र और गुजरात दोनों बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा हुआ करते थे। इसका प्रशासन ब्रिटिश सरकार के हाथों में था। आजादी के बाद देश के सामने राज्यों के पुनर्गठन को लेकर एक नई चुनौती खड़ी हो गई। उसी दौरान महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई। जानते है महाराष्ट्र दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें…
ऐसे हुई महाराष्ट्र राज्य की स्थापना
स्वतंत्रता मिलने के बाद देश में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत अलग-अलग राज्यों का निर्माण किया गया। उस राज्य या क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली और संस्कृति के आधार पर राज्यों का निर्माण हुआ लेकिन इसके अलावा कुछ शहरों में एक अलग ही समस्या खड़ी हो गई और बॉम्बे भी उन्हीं शहरों में से था, जहां गुजराती भाषिक लोग और मराठी भाषिक लोग रहते थे। अक्सर इनमें व्यापारऔर भाषा को लेकर विवाद हो रहा था, देखते ही देखते यह संघर्ष बढ़ता ही गया इसी समस्या को हल करने के लिए गुजराती और मराठियों को स्वतंत्र पहचान देने के लिए 1 मई 1960 मुंबई राज्य का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नाम के दो राज्यों की स्थापना की गई I तबसे हर साल 1 मई को महाराष्ट्र में बड़े उत्साह के साथ महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है।
महाराष्ट्र दिवस का महत्व
महाराष्ट्र दिवस हर मराठी लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ये दिन उन लोगों के लिए उनके राज्य के जन्म का प्रतीक है। इस दिन ने उन लोगों को भाषा और संस्कृति के आधार पर पूरे भारत में एक अलग पहचान दिलवाई। मराठी भाषी लोगों के लिए ये दिन जश्न मनाने के साथ-साथ उन लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जिन्होंने महाराष्ट्र राज्य को अपनी एक पहचान दिलावने में अहम भूमिका निभाई।
देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य
आपको बता दें कि क्षेत्रफल की दृष्टि से महाराष्ट्र हमारे देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। महाराष्ट्र राज्य 307,713 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ। संतों का राज्य कहें जाने वाला महाराष्ट्र राज्य भारत के पश्चिम-मध्य भाग में स्थित है जो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात राज्य के साथ अपनी सीमा साझा करता है। महाराष्ट्र अपनी संस्कृति और सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
कैसे पड़ा महाराष्ट्र नाम
संतों की नगरी कहें जाने वाले इस राज्य का नाम भी बेहद अलग है। बता दें कि महाराष्ट्र यह नाम यहां के संतों की ही देन है। महाराष्ट्र यह नाम संस्कृत के दो शब्दों से बना हुआ है। महा यानी महान और राष्ट्र का मतलब देश। इस तरह इसका अर्थ होता है महान देश इसी शब्द से राज्य का नाम महाराष्ट्र रखा गया है।