MBMC Commissioner water tax:मीरा भायंदर में पानी पर बवाल, वादा करके मुकर गए MBMC कमिश्नर
भायंदर: मीरा भायंदर शहर में पानी की समस्या विकराल होते जा रही है। ऐसे तो वर्ष भर मुख्य पाईप लाईन की मरम्मत, लीकेज मरम्मत, साफ सफाई जैसे किसी न किसी कारण से शहरवासी पानी के शटडाउन की समस्या से जूझते रहते हैं, वहीं गर्मी के मौसम में यह समस्या अपने चरम पर पहुंच जाती है। 50 से 60 घंटे के अंतराल पर जलापूर्ति का सामना लोगों को करना पड़ता है। शहर के नागरिकों के आवश्यकतानुसार पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने के बावजूद जलापूर्ति लाभकर के रूप में 10% की वृद्धि नए पानी बिल में कर दी गई है। जबकि मनपा आयुक्त संजय श्रीपतराव काटकर ने मीरा-भायंदर शहर के नागरिकों को वचन दिया था की इस आर्थिक वर्ष में नागरिकों पर कोई नया कर (टैक्स) नहीं लागू किया जाएगा। जलापूर्ति लाभकर के रूप में नया कर लागू कर आयुक्त काटकर अपने ही वादे से मुकर गए हैं।
नागरिकों को नए टैक्स बिल देने की शुरुआत प्रशासन ने की है। इसमें नए कर (टैक्स) के रूप में 10% जलापूर्ति लाभकर का समावेश कर दिया गया है। जिससे नागरिकों में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखी जा रही हैं। वहीं जनप्रतिनिधि इस पर अपनी क्या रुख अपनाते है इस पर शहर वासियों की निगाहें टिकी हुई है।
MBMC का दावा
मीरा भयंदर शहर के लिए सूर्या प्रादेशिक पानी योजना का कार्य शुरू है। आगामी कुछ माह में सूर्या प्रकल्प से 218 एमएलडी पानी शहर को प्राप्त होने वाली है, लेकिन इसके लिए शहर में अंतर्गत पाइपलाइन व पानी के संग्रहण के लिए टांकी निर्माण का कार्य अभी बाकी है। इस कार्य के लिए मनपा को करीब 150 करोड रुपए की निधि की आवश्यकता है। इसके लिए नागरिकों पर 10% जलापूर्ति लाभकर लागू कर दी गई है।
राजनीतिक पार्टियों के रुख पर टिकी निगाहें
प्रत्यक्ष में मनपा द्वारा वर्ष 2024 – 25 के लिए जारी किए गए प्रॉपर्टी टैक्स (संपत्ति कर) के बिल में इस 10% जला पूर्ति लाभकर का समावेश कर दिया गया है । जबकि मार्च माह में मनपा का आर्थिक बजट सादर करते समय नागरिकों पर किसी भी प्रकार के नए कर का बोझ नहीं डाला जाएगा, ऐसा प्रतिपादन आयुक्त काटकर ने सार्वजनिक रूप से किया था। जिससे वे अचानक पलट गए हैं ।लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस नए कर के विरोध में राजनीतिक पार्टीया खड़ी हो गई थी और यह कर लागू नहीं होने देने की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने यह कर लागू कर दिया है। अब देखना होगा कि राजनीतिक पार्टियां इस नए कर के प्रति क्या रुख अख्तियार करते हैं। इस पर नागरिकों की निगाहें टिकी हुई है।