पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट: अदालत ने नाबालिग के माता-पिता को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा, सबूत नष्ट करने का आरोप
पुणे. कल्याणी नगर में नशे की हालत में पाेर्शे कार से दो सॉफ्टवेर इंजीनियरों को कुचलने वाले नाबालिग के माता-पिता को अदालत ने रविवार को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दोनों पर नाबालिग के ब्लड सैंपल को बदलने और सबूत नष्ट करने का आरोप है।
पुलिस के मुताबिक एक्सीडेंट बाद नाबालिग को निर्दोष साबित करने लिए के ससून अस्पताल में ब्लड सैंपल को मां शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल से बदला गया था। इस बात का खुलासा होने के बाद 1 जून को शिवानी को गिरफ्तार किया गया। इसी मामले में शामिल होने के आरोप में विशाल अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने मांगी रिमांड
पुलिस ने रविवार को नाबालिग के माता-पिता को पुणे की एक अदालत में पेश किया और उनकी रिमांड का अनुरोध किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि अग्रवाल दंपति ने दुर्घटना से संबंधित सबूतों को नष्ट करने की साजिश रची। पुलिस के अनुसार, वे एक सरकारी अस्पताल गए और नाबालिग के रक्त के नमूनों में हेरफेर किया।
आरोपी के घर के सीसीटीवी फुटेज बरामद
दंपति के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि पुलिस ने उनके घर की तलाशी ले ली है और उनके घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज बरामद किये हैं। पाटिल ने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (अपराध के सबूतों को मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो एक जमानती अपराध है इसलिए दंपति को न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने नाबालिग के माता-पिता को 5 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
19 मई को क्या हुआ था
गौरतलब है कि कल्याणी नगर में रविवार (19 मई) रात सवा तीन बजे कुछ दोस्त पार्टी कर बाइक पर घर लौट रहे थे इसी दौरान पोर्शे कार चला रहे 17 वर्षीय नाबालिग ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे बाइक सवार दो लोग गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। नाबालिग नशे में धुत था। मृतकों का नाम अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा है। दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)