मुंबई: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सियासी दल 4 जून का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आने का अनुमान है। उसे देखते हुए आने वाले दिनों में सभी राजनीतिक दलों ने प्रमुख नेताओं के साथ बैठक बुलाई है, ताकि सीटें ज्यादा या कम मिलने के बाद रणनीति बनाई जा सके। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव ऐसे में समय में हुआ, जब शिवसेना और एनसीपी टूट गईं और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दल-बदल किया। बीजेपी ताकतवर बनकर उभरी, लेकिन क्या चुनाव नतीजे उसके फेवर में आएंगे या फिर जितनी सीटें जीती थीं, उतनी सीटें जीत पाएगी? एनडीए के घटक दल बीजेपी, शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी को ज्यादा सीटें मिलीं, तो निश्चित ही इन सभी दलों के नेताओं के कॉलर टाइट होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ है, तो इन सभी का राजनीति भविष्य खतरे में पड़ सकता है। दूसरी ओर, महा विकास आघाडी के घटक दल उद्धव सेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी का भविष्य भी दांव पर लगा है।
35 सीटों पर लड़ना चाहती थी बीजेपी
पिछला लोकसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था। बीजेपी ने 23 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 18 सीटों पर बाजी मारी थी। इस बार बीजेपी 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सर्वे का हवाला देते हुए बीजेपी 35 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी शिंदे सेना नहीं मानी। अगर शिंदे सेना की सीटें कम आईं, तो बीजेपी निश्चित ही सीएम शिंदे को विलेन ठहराएगी। अगर ज्यादा सीटें जीती, तो श्रेय देवेंद्र फडणवीस लूट ले जाएंगे। बीजेपी की खुद की सीटें कम आने पर फडणवीस के विरोधी सक्रिय हो जाएंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी डगर कठिन हो जाएगी। दिल्ली में भी फडणवीस का राजनीति वजन कम होगा। फडणवीस के राजनीति करियर के लिए यह लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है।