मुंबई: मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मानव तस्करी के मामले में भारतीय नौसेना के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर जम्मू और कश्मिर के दो लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। यह आरोपी जाली दस्तावेजों के आधार पर लोगों को दक्षिण कोरिया भेजते थे।
बताया जा रहा है कि भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक का अधिकारी मुख्य साजिशकर्ता के आदेश का पालन करता था। यह साजिशकर्ता भी नौसेना में पदस्थ था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक मुंबई अपराध शाख ने लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन कुमार डागर (28) समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। डागर को गुरुवार को कोलाबा से हिरासत में लिया गया था।
पांच आरोपी गिरफ्तार
उनसे पुछताछ के आधार पर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को एक और अधिकारी ब्रह्म ज्योति शर्मा और पुणे की निवासी सिमरन तेजी को हिरासत में ले लिया, तेजी लोगों को विदेशी भाषाएं पढ़ाने का काम करती थी। इनके अलावा पुलिस ने जम्मू और कश्मीर के दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपी की पहचान रवि कुमार और दीपक डोगरा के रूप में हुई है।
अवैध तरीके से भेजा जाता था दक्षिण कोरिया
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी शर्मा के खाते में 1.65 करोड़ रुपये मिले है। वहीं, आरोपी जेती ने अपने परिवार के कई लोगों के नाम से खाते खुलवाए हैं, जिनमें करीब 47 लाख रुपये हैं। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों ने देश के लोगों को अवैध तरीके से दक्षिण कोरिया भेजने के लिए तोषा इंटरनेशनल नाम की कंपनी बनाई थी।
इससे पहले, पुलिस ने पहले कहा था कि गिरोह ने फर्जी कागजात का इस्तेमाल कर आठ-10 लोगों को पूर्वी एशियाई देश भेजा था, और प्रति मामले वे 10 लाख रुपये वसूले थे। अपराध शाखा ने बताया कि डागर जाली दस्तावेज तैयार करता था और उन्हें कोरियाई वाणिज्य दूतावास को भेजता था। वह मास्टरमाइंड एवं नौसेना अधिकारी शर्मा से निर्देश लेता था।