मुंबई: महाराष्ट्र में बारामती के बाद दूसरे सबसे ज्यादा चर्चित सीट अमरावती से नवनीत राणा चुनाव हार गई हैं। नवनीत राणा इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थी। इस सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट बलवंत वानखड़े ने राणा को हराया है। बीजेपी ने आने के बाद राणा स्टार प्रचारक बनकर उभरी थीं। उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात के साथ हैदराबाद में भी प्रचार किया था, लेकिन अपनी सीट को नहीं बचा पाईं। 2019 लोकसभा चुनावों में नवनीत राणा निर्दलीय चुनाव जीती थीं।
दूसरी बार हारी राणा
फिल्म अभिनेत्री रहीं नवनीत राणा बडनेरा से विधायक रवि राणा की पत्नी हैं। 2019 के चुनावों में नवनीत राणा ने शिवसेना (अविभाजित) के उम्मीवार आनंदराव अडसुल को हराकर जीत हासिल की थी। राणा ने अडसुल को 36 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। राणा दूसरी बार में जीती थीं। इससे पहले वह 2014 के लोकसभा चुनावों में वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लड़ी थीं। तब 1.37 लाख वोटों से वह हार गई थीं। 2019 में उन्होंने जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगुवाई वाली केंद्र सरकार को अपना समर्थन दिया था। 2024 के चुनावों में एक बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
सुरक्षित है अमरावती सीट
2019 में नवनीत राणा के जीतने के बाद उनके अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को लेकर भी विवाद खड़ हुआ था। राणा के जाति प्रमाण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। 2024 लोकसभा चुनावों में जब राणा अपना नामांकन दाखिल करने जा रही थीं। उसी दिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी और बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑर्डर को रद्द कर दिया था। अमरावती पूर्व में कई बार शिवसेना के पास रही है लेकिन बीजेपी कभी नहीं जीती है। 2024 में बीजेपी का नवनीत दांव फेल रहा।