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पुणे पोर्श केस: नाबालिग की रिहाई के आदेश, लेकिन करना होगा ये काम…..

Pune Porsche case: पुणे पोर्श मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी है. इन शर्तों के मुताबिक नाबालिग को 300 शब्दों का निबंध लिखना ही होगा. इसके अलावा उसे 15 दिन तक लगातार ट्रैफिक नियमों को पढ़ना और समझना भी होगा. आरोपी के खिलाफ यह दोनों प्रावधान किशोर न्यायाधिकरणने तय किए थे. अब हाईकोर्ट ने भी इन प्रावधानों को अपने फैसले में लिखा है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को ही आरोपी नाबालिग रिमांड होम से रिहा कर दिया गया. हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे जमानत के योग्य माना और जमानत मंजूर कर ली. हालांकि जमानत के फैसले में कोर्ट ने साफ तौर पर लिखा है कि रिहा होने के बाद उसे 300 शब्दों का निबंध लिखना ही होगा. इसके अलावा उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक नियमों को पढ़ने और समझने के बाद जीवन में उतारने भी होंगे.इसी के साथ हाईकोर्ट ने 19 जून को जारी जमानत आदेश को कायम रखते हुए आरोपी को 22 तारीख को बाल सुधार गृह भेजने के आदेश को रद्द कर दिया है.
जारी रहेगी काउंसलिंग
बता दें कि आरोपी नाबालिग ने 19 मई को नशे में धुत होकर अपनी पोर्श कार से दो लोगों को कुचल दिया था. चूंकि मामला हाईप्रोफाइल था, इसलिए यह पूरी घटना लगातार सुर्खियों में रही है. किशोर न्यायाधिकारण ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद उसके परिजन हाई कोर्ट पहुंचे थे. अब हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर तो कर ली, लेकिन किशोर न्यायाधिकरण द्वारा तय किए गए शर्तों को कायम रखा है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आरोपी की काउंसलिंग की प्रक्रिया को भी जारी रखने को कहा है.

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