मुंबई: लाडली बहन योजना से महाराष्ट्र सरकार की महायुति सरकार को विधानसभा चुनाव में ढेरों उम्मीदें है। महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए भुगतान वाली इस योजना को लेकर विपक्ष पहले से ही सवाल उठाता रहा है। शुक्रवार को इस योजना को वित्त विभाग द्वारा नकारने की खबरें भी सामने आई थीं। लेकिन राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने योजना को वित्त विभाग के रेड सिग्नल की खबरों को भ्रामक बताते हुए कहा है कि योजना के तहत बहनों को भुगतान के लिए सरकार के पास भरपूर पैसा उपलब्ध है। अजित पवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राज्य के वित्त एवं योजना मंत्री के रूप में, मैंने स्वयं वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के अनुपूरक बजट में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना पेश की थी। मैंने वित्त एवं नियोजन, सभी संबंधित विभागों और राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही राज्य बजट में इस योजना की घोषणा की है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना के लिए आवश्यक 35 हजार करोड़ रुपए की पूरी राशि इस वर्ष के बजट में ही प्रदान की गई है। तो इस योजना के लिए पैसे की समस्या का सवाल ही नहीं उठता है।
राशि खर्च करने को सरकार तैयार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र जैसे आर्थिक रूप से समृद्ध राज्य के लिए इतनी रकम खर्च करना संभव है। राज्य सरकार प्रदेश में माताओं-बहनों-बेटियों की आर्थिक स्वतंत्रता, स्वावलंबन, पोषण और सर्वांगीण सशक्तिकरण, मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाने के लिए यह राशि खर्च करने को तैयार है। इसलिए राज्य में किसी के पास ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ का विरोध करने का कोई कारण नहीं है।
प्रतिसाद से विपक्ष परेशान
डीसीएम अजित ने कहा कि लाडकी बहिन योजना को राज्य की माताओं-बहनों-बेटियों से जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। एक महीने के भीतर 1 करोड़ से अधिक बहनों ने ऑनलाइन आवेदन दाखिल किया है। योजना की सफलता देखकर विरोधी बौखला गए हैं और मीडिया में भ्रामक व बेबुनियाद खबरें फैलाकर ‘फेक नैरेटिव’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता, माताएं-बहनें विपक्ष की ‘भ्रमित करने की कोशिशों का शिकार नहीं बनेंगी।