मुंबई: उत्तर पूर्व मुंबई सीट पर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतों का ध्रुवीकरण करने की कवायद शुरू हो गई है। चुनाव प्रचार के दरम्यान गुजराती बनाम मराठी मुद्दा देखने को मिल रहा है। मानखुर्द-शिवाजी नगर में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार रथ पर पत्थर फेंकने की घटना सामने आने के बाद रविवार 8 बजे के दौरान घाटकोपर वेस्ट में मानिकलाल मैदान के बगल समर्पण रिहायशी सोसायटी में शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार संजय दीना पाटिल के प्रचारार्थ कुछ लोग पर्चा बांटने जा रहे थे, लेकिन वॉचमैन और रहवासियों ने यह कहते हुए उनको अंदर जाने से रोक दिया कि यहां भारतीय जनता पार्टी के लोग प्रचार के लिए आने वाले हैं, उनको सोसायटी ने पहले से ही समय दिया हुआ है। जिसको लेकर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्शया शिवसेना कार्यकर्ताओं का कहना था कि मराठी लोगों को प्रचार के लिए रोका जा रहा है, जबकि गुजरातियों को प्रचार के लिए समय दिया जा रहा है।
इस पर सोसायटी के लोगों ने उसी समय उनको सोसायटी के अंदर पर्चा बांटने के लिए दो से तीन लोगों को जाने भी दिया जिसके बाद यूबीटी शिवसैनिक पर्चा बांट कर चले गए, लेकिन शिवसेना के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने इस मसले को तूल दे दिया। शिवसेना विभागप्रमुख तुकाराम(सुरेश) पाटिल ने बताया कि घाटकोपर पूर्व में स्थानीय विधायक पराग शाह द्वारा निर्मित एमआईसीएल कॉलोनी के अंदर वॉचमैन ने महाविकास अघाड़ी के प्रचार के लिये आये हुए लोगों को यह कहते हुए रोक दिया कि पराग शाह का एनओसी लेकर आओ फिर सोसायटी में प्रचार के लिये जा सकते है। इसी तरह घाटकोपर बेस्ट कामागली में परमकेशव बाग में प्रचार के लिये भी रोका गया। हालांकि भाजपा प्रवक्ता भालचंद्र शिरसाट ने तुकाराम के इस आरोप को निराधार बताया है।
जानबूझकर किया जा रहा दुष्प्रचार
भाजपा प्रवक्ता भालचंद्र सिरसाट ने कहा, जानबूझ कर ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है, उनकी जमीन पैरों के नीचे से खिसक रही है। भारतीय जनता पार्टी के लोगो ने समर्पण सोसायटी में पहले से ही परमिशन लिया था ठीक उसी समय महाविकास अघाडी के लोग पर्चे बांटने आ गए आपस मे विवाद ना हो इस लिये सोसायटी के लोगों ने उनको थोड़ी देर बाद आने को कहा था। लेकिन उनकी जिद्द के बाद उनको उसी समय पर्चा बाटने भेजा गया, बहुत सी सोसायटी में हमारे साथ भी ऐसा होता है। वहीं सेजल देसाई (स्थानीय) नाम के शख्स ने बताया, भाजपा के लोगो ने 8 बजे परमिशन लिया था, इस सोसायटी में गुजराती और मराठी समुदाय के 90 परिवार रहते है। हमारा सोचना था कि कहीं दोनों उम्मीदवारों के कार्यकर्ता आमने – सामने आ जाने से विवाद ना हो जाए जिसके लिये हमने रोका था, लेकिन हमने उसी समय दो से तीन लोगों को पर्चा बाटने अंदर भेज भी दिया।