मुंबई : मालाबार हिल स्थित जलाशय को तोड़कर उसका पुनर्निर्माण करने का इरादा बीएमसी ने बदल दिया है। अब जलाशय को नहीं तोड़ा जाएगा, बल्कि उसकी मरम्मत कर वॉटर सप्लाई किया जाएगा। जलाशय के पुनर्निर्माण को लेकर जारी 698 करोड़ रुपये का टेंडर भी बीएमसी रद्द करेगी। शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए उपनगर के पालक मंत्री एवं स्थानीय विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने बताया कि जलाशय के पुनर्निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई करनी पड़ती, जिसका विरोध हो रहा है। इसीलिए बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी को पत्र भेजकर जलाशय के पुनर्निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द करने को कहा गया है। यह प्रक्रिया आने वाले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी। बता दें कि एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जलाशय की मरम्मत के बाद अगले 30 साल तक आसानी से पानी की सप्लाई की जा सकती है। इस जलाशय से मालाबार हिल, ग्रांट रोड, नेपेंसी रोड, गिरगांव, कोलाबा, चर्चगेट, मंत्रालय, कफ परेड, और नरिमन पॉइंट इलाके में पानी की आपूर्ति की जाती है।
तीन एजेंसियों ने की जांच
मालाबार हिल जलाशय के पुनर्निर्माण की घोषणा के बाद से ही विवाद पैदा हो गया था। विवाद को बढ़ता देख बीएमसी ने सजेशन देने के लिए एक विशेषज्ञों की टीम गठित की। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जलाशय को बिना तोड़े उसकी मरम्मत की जा सकती है। इसके बाद बीएमसी ने आईआईटी मुंबई की टीम गठित की। आईआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीएमसी को जलाशय तोड़ने या मरम्मत करने से पहले दक्षिण मुंबई में पानी सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में नए टैंक का निर्माण करना पड़ेगा। बीएमसी को इसके लिए 54 एमएलडी पानी रखने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जलाशय को तोड़कर बनाने और मरम्मत करने के दोनों विकल्प मौजूद मौजूद हैं। उसके बाद आईआईटी रुड़की की टीम ने भी जलाशय की जांच की। ख़ास बात यह रही कि तीनों एजेंसियों ने अलग-अलग रिपोर्ट दी, जिसने बीएमसी की परेशानी बढ़ा दी थी।