मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज मजिस्ट्रेट को बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले पर जांच रिपोर्ट आगामी 18 नवंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है। आज न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने यह निर्देश और आदेश दिया कि मामले से संबंधित सभी साक्ष्य एकत्रित किए जाएं, संरक्षित किए जाएं और फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा उनकी जांच की जाए।
बीते 25 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाए थे। तब कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से सीधा पूछा था कि यह कैसे मान लिया जाए कि 4 अफसर एक आरोपी को नहीं संभाल पाए। अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले अक्षय शिंदेको काबू करने की कोशिश की होती तो गोलीबारी से शायद बचा जा सकता था. इस बात पर भी विश्वास नही होतो कि उसने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीनकर गोलियां चलाईं। कोर्ट ने ने कहा कि अगर उसे पता चला कि जांच ठीक से नहीं हो रही है, तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य हो जाएंगें।
वहीं बेंच ने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस इस घटना की जांच में मजबूत फोरेंसिक साक्ष्य भी शामिल करे, जिसमें आरोपी पुलिस की गोलीबारी में मारा गया था। कानून में यह अनिवार्य किया गया है कि हिरासत में हुई प्रत्येक मृत्यु के मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जाए।
इस बाबत महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि सभी प्रासंगिक दस्तावेज जांच के लिए मजिस्ट्रेट को भेज दिए गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा, “रिपोर्ट 18 नवंबर को हमारे समक्ष रखी जाए।”अदालत आरोपी के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोपी शिंदे की मौत के मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। फिलहाल इस मामले की जांच CID कर रहा है।