मुंबई: जहां एक तरफ तिरुपति के बालाजी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता पर मचा बवाल अभी तक थमा नहीं है। वहीं अब महाराष्ट्र में मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद की शुद्धता को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं। दरअसल अब यह दावा किया जा रहा है कि सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर चूहों के बच्चे मिले हैं।
ऐसे में तिरुपति लड्डू विवाद की तरह ही सिद्धिविनायक के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं कि प्रसाद बनाकर साफ सुथरे स्थल पर नहीं रखे जा रहे। खुद सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्ट ने इस मामले में अब अपनी जांच शुरू कर दी है। दरअसल सिद्धिविनायक मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में प्रसाद के पैकेट पर चूहे के बच्चे भी देखे जा सकते हैं।
इस वीडियो के सामने आने के बाद मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा सर्वणकर का कहना है कि वीडियो में दिखाई गई जगह मंदिर परिसर का हिस्सा नहीं है। ये जानबुझकर मंदिर के की इमेज खराब करने की कोशिश है। मंदिर ट्रस्ट इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है।
बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट इस मामले पर आज मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है। वहीं वायरल वीडियो में चूहे के बच्चों के साथ यह भी देखा जा सकता है कि प्रसाद के पैकेट को चूहों ने खाया है और तो और लड्डू को चूहों ने कुतरा भी है।
गौरतलब है कि बीते 18 सितंबर को ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यह दावा किया था कि पिछली जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति के प्रसाद में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल हुआ था। इस पर पलटवार करते हुए वाईएसआर ने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक लाभ के लिए करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा कर महापाप कर रहे हैं।
वहीं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बीते 20 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि चयनित नमूनों में पशु वसा और चर्बी की मौजूदगी है और बोर्ड “मिलावटी” घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है। बता दें कि तिरुपति के लड्डू प्रसाद को श्रीवारी लड्डू के तौर भी जाना जाता है।बीते तीन सौ साल से तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को यही प्रसाद के रुप में बांटा जा रहा है।