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Mumbai: रेप का आरोप लगाने पर आरोपी ने कोर्ट को दिखाया ‘प्यार का एग्रीमेंट’, जानें फिर क्या हुआ?

Mumbai News: महाराष्ट्र के मुंबई की सेशन कोर्ट ने हाल ही में एक 46 साल के कोलाबा इलाके के रहने वाले शख्स को ‘प्यार के एग्रीमेंट’ के आधार पर अग्रिम जमानत दे दी. दरअसल, इस शख्स पर 29 साल की महिला के साथ रेप करने का आरोप था. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने पीड़ित और उसके बीच हुए 11 महीने के ‘प्यार के एग्रीमेंट’ की कॉपी कोर्ट के सामने रख दी और दावा किया कि उस एग्रीमेंट पर दोनों के हस्ताक्षर किए थे.

अधिकारी के मुताबिक इस ‘प्यार के एग्रीमेंट’ में सात शर्ते हैं जिसमें से एक शर्त यह भी थी कि अगर वे शारीरिक संबंध में आ जाते हैं तो आरोपी को किसी भी प्रकार की जिम्मेदार नही ठहराया जाएगा. हालांकि, पीड़िता के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि इस डॉक्यूमेंट पर उसके हस्ताक्षर नहीं हैं.

महिला ने लगाया झूठ बोलने का आरोप
पुलिस के बताया कि पीड़िता बुजुर्गों की देखभाल का काम करती है, जबकि आरोपी सरकारी कर्मचारी है. पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी, जिसने उसे शादी का वादा किया था और दावा किया था कि उसका तलाक हो चुका है, लेकिन शादी करने के बजाय उसने उसके साथ कई बार रेप किया.

ऐसे हुई थी दोनों की मुलाकात
महिला ने पुलिस को दिए गए बयान में दावा किया है कि अक्टूबर 2023 में एक दोस्त के माध्यम से उसकी मुलाकात आरोपी से हुई थी. उसने दावा किया कि जब वह पहली बार आरोपी के घर गई, तब कुछ घंटों की बातचीत के बाद, शिकायतकर्ता ने आरोपी को बताया कि वह तलाकशुदा है और उसका एक बेटा है. इसके बाद आरोपी ने उससे शादी का वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए.

‘मेरे साथ बनाए शारीरिक संबंध’
शिकायतकर्ता ने कहा कि वे फोन पर संपर्क में रहते थे और कुछ दिनों बाद आरोपी ने महिला से अपने दोस्तों के साथ अलीबाग चलने का आग्रह किया. इस पांच दिन के ट्रिप के दौरान, उनके बीच शारीरिक संबंध बने.

महिला ने आगे यह भी दावा किया कि कुछ और मुलाकातों के बाद, आरोपी ने कथित रूप से महिला को बताया कि उसके पास उसके आपत्तिजनक फोटो हैं, जिन्हें वह सार्वजनिक कर देगा अगर उसने उससे मिलना बंद कर दिया. महिला ने आगे यह भी दावा किया कि वह गर्भवती हो गई थी और जब उसने आरोपी को इसकी सूचना दी, तो उसने उसे गर्भपात की गोलियां दीं.

पीड़िता ने लगाए ये आरोप
पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में आगे कहा कि जनवरी के महीने में, उसे आरोपी ने अपने घर बुलाया. जब वह वहां गई, तो उसने वहां एक महिला को देखा जिसने जिसने खुद को आरोपी की पत्नी बताया. इसके बाद शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि शादीशुदा होने के बावजूद आरोपी ने मुझसे शादी का वादा करके धोखा दिया.

महिला ने इस मामले में 23 अगस्त को कुलाबा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट का रुख किया जहां से उसे एग्रीमेंट के आधार पर 29 अगस्त को जमानत मिल गई.

क्या था एग्रीमेंट कि कॉपी में?
एग्रीमेंट की कॉपी में लिखा है कि पुरुष और महिला 1 अगस्त 2024 से 30 जून 2025 तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहेंगे. दूसरी शर्त में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान, वे एक-दूसरे के खिलाफ कोई यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज नहीं करेंगे और अपना समय शांति से बिताएंगे.

वहीं इस एग्रीमेंट की तीसरी शर्त में कहा गया है कि महिला पुरुष के घर पर रहेगी और अगर उसे उसका व्यवहार ठीक नहीं लगेगा, तो वे एक महीने की नोटिस देकर किसी भी समय अलग हो सकते हैं. चौथी शर्त में कहा गया है कि उनके साथ रहने के दौरान महिला के रिश्तेदार उनके घर नहीं आ सकते. पांचवीं शर्त के अनुसार, महिला को पुरुष किसी भी प्रकार से मानसिक रूप से परेशान नहीं करेगा.

शर्तों में लिखी गईं थी ये भी बातें
छठी शर्त में कहा गया है कि अगर महिला गर्भवती हो जाती है, तो पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा और यह पूरी तरह से महिला की जिम्मेदारी होगी. सातवीं शर्त के अनुसार, अगर परेशान करने की वजह से आरोपी मानसिक रूप से परेशान होता है और उसका जीवन प्रभावित होता है, तो महिला को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

आरोपी के वकील ने दी ये दलील
आरोपी के वकील सुनील पांडे ने कहा कि मेरे क्लाइंट को झूठे मामले में फंसाया गया है, वे लिव-इन रिलेशनशिप में थे. एग्रीमेंट दिखाता है कि दोनों ने रिश्ते में रहने के लिए सहमति दी थी. एक दिन उसने मेरे क्लाइंट को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. उसने पैसे की मांग की और संपत्ति हड़पने की कोशिश की थी.

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