मुंबई: मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल पांच बार अनशन करके अपनी जान दांव पर लगाने के बाद भी मराठा समाज को अपनी शर्तों के अनुरूप आरक्षण नहीं दिला सके। लिहाजा मनोज जरांगे अब खुद सत्ता की कमान अपने हाथ में लेने की मंशा से चुनावी अखाडे़ में कूदने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जरांगे ने 150 से अधिक उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने का मन बनाया है। वह 7 अगस्त से इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार शुरू करने जा रहे हैं। मराठा समाज और उनके सगे-सोयरे (संबंधियों) को ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे को अब तक के प्रयासों में नाकामी हाथ लगी है। लेकिन वे अपने समाज को अपनी शर्तों पर आरक्षण दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मनोज जरांगे ने मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने के लिए सरकार को डेडलाइन दी है। हालांकि लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाने के बाद भी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार मनोज जरांगे की चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसलिए जरांगे पाटिल ने विधानसभा चुनाव लड़ने का बिगुल बजा दिया है।
इच्छुकों को अंतरवाली बुलाया
सूत्रों का कहना है कि मनोज जरांगे पाटिल की टीम ने विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। इस संबंध में प्रक्रिया 7 से 20 अगस्त के बीच पूरी की जाएगी। मनोज जरांगे ने विधानसभा चुनाव के लिए मराठा समुदाय और अन्य समुदायों के इच्छुक उम्मीदवारों को 7 अगस्त से अंतरवाली सराटी में आमंत्रित करने की योजना बनाई है। मनोज जरांगे 7 अगस्त से पश्चिमी महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे। वह शांति रैली में हिस्सा लेंगे। इस दौरान राज्य के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रवार और तहसीलवार इच्छुक उम्मीदवार अपनी जानकारी अंतरवाली सराटी में जरांगे की टीम के पास जमा करा सकते हैं। जो उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र की जातिवार मतदाता जानकारी के साथ अपना पहचान पत्र जमा करना होगा।
खुद लेंगे इंटरव्यू
13 अगस्त को दौरे की समाप्ति के बाद जरांगे और उनकी कोर कमेटी उम्मीदवारों के आवेदनों की जांच करेगी। बाद में चयनित उम्मीदवारों का इंटरव्यू खुद मनोज जरांगे करने वाले हैं। विधानसभा के मुताबिक अगस्त के आखिरी सप्ताह में उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की जाएगी। जरांगे पाटिल की टीम ने यह भी कहा है कि यदि राज्य सरकार इससे पहले कुणबी में सागे-सोयरे और मराठों को आरक्षण दे देती है, तो वे विधानसभा चुनाव की तैयारी के बजाय राज्य भर में जश्न और जश्न की तैयारी करेंगे।