एक साल पहले ही किया गया था उद्घाटन…बरसात के पानी में बह गई बीकेसी-कुर्ला फ्लाईओवर ब्रिज की सड़क
मुंबई. मुंबई की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का दावा करने वाली शिंदे सरकार बैकफुट पर आ गई है। सड़क निर्माण में ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है। अब इन आरोपों की सच्चाई भी खुलकर जनता के सामने आ रही है। मात्र 1 साल पहले बीकेसी से सांताक्रूज चेंबूर लिंक रोड को जोड़ने वाले फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था।
इस ब्रिज का उद्घाटन जोर-शोर से किया गया था। बता दें कि बीकेसी महत्वपूर्ण व्यापारिक संस्थानो का इलाका है। बांद्रा-कुर्ला कंपलेक्स से नई मुंबई जाने के लिए सांताक्रूज-चेंबूर लिंक रोड को जोड़ने वाले इस नए फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था। इस ब्रिज के खुलने के बाद बीकेसी और सांताक्रूज-चेंबूर लिंक रोड पर होने वाली ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक कम हो गई थी। आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी सड़क के निर्माण की कम से कम 3 सालों तक गारंटी पीरियड होती है। गारंटी पीरियड के दौरान अगर सड़क के निर्माण में कोई कमी आती है या सड़क टूट जाती हो तो ठेकेदार पर न सिर्फ जुर्माना लगाया जाता है, बल्कि उसे ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया जाता है। इस फ्लाईओवर की सड़क बीचो-बीच बरसात में बह गई।
जिसकी वजह से सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और यह गड्ढे दूर थे, दिखाई नहीं देते हैं। जिसकी वजह से स्पीड में आ रहे वाहन चालक इन गड्ढों में गिरकर घायल हो जाते हैं। बता दें कि फ्लाईओवर पर ट्रैफिक ना होने की वजह से वाहनों की स्पीड काफी ज्यादा रहती है। बीचों-बीच सड़क पर बने इन गड्ढों में दो दिनों में दर्जनों वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं, लेकिन सड़क विभाग और मनपाकर्मियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। क्षेत्र के कई समाजसेवकों ने इस आशय की शिकायत ट्विटर पर की है। उसके बावजूद भी सड़क की रिपेयरिंग नहीं कराई गई है, जिसकी वजह से वाहन चालकों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि शिंदे सरकार मुंबई करो कि जान लेने के लिए सड़क निर्माण के ठेकेदारों को संरक्षण दे रही है।