मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी द्वारा इस्तेमाल किए गए बाघ के पंजे के आकार के हथियार ‘वाघ नख’ को शुक्रवार को सातारा लाया जाएगा और उसका भव्य स्वागत किया जाएगा। आबकारी मंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि लंदन के एक संग्रहालय से लाए जा रहे इस हथियार में ‘बुलेट प्रूफ’ कवर होगा।
उन्होंने बताया कि इसे सात महीने के लिए सातारा के एक संग्रहालय में रखा जाएगा। सातारा के संरक्षक मंत्री देसाई ने मंगलवार को जिले के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि “वाघ नख 19 जुलाई को लंदन के संग्रहालय से शाहनगरी (सातारा) लाया जा रहा है।” देसाई ने कहा कि महाराष्ट्र में वाघ नख का लाया जाना प्रेरणादायक क्षण है और इसका सातारा में भव्य स्वागत किया जाएगा।
क्या है ‘वाघनख’ का इतिहास
एतिहासिक तथ्यों के अनुसार अफजल खान का वध शिवाजी महाराज के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है। दरअसल बीजापुर सुल्तान के सरदार ने छत्रपति महाराज को बातचीत के बहाने जान से मारने के लिए बुलवाया था। यह घटना 9 नवंबर 1659 की है। तब इस बैठक में शिवाजी महाराज अपने बचाव के लिए ‘चिलखत’ पहनकर गए थे और दाएं हाथ की उंगलियों में उन्होंने अपना चुस्त ‘वाघनख’ पहना हुआ था।
बताया जाता जाता है कि जैसे की अफजल खान ने जैसे ही उन्हें मारने के लिए खंजर निकाला, शिवाजी महाराज ने वाघनख से उनका शरीर चीरकर उनकी अंतड़ियां तक बाहर निकाल ली थीं। इस वार से ही अफजल खान
ने तुरंत ही अपने प्राण गवा दिए थे।
कहां है ‘वाघनख’
छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघनख को लंदन के विक्टोरिया अल्बर्ट म्यूजियम में आज भी सुरक्षित है। यहां के साउथ एशिया सेक्शन के कमरा नंबर 41 में प्रदर्शित एक्जिबिट नंबर O134202 पर यह जानकारी दर्ज है। साथ रखी चमड़े की पेटी पर दर्ज है कि यह प्रख्यात हथियार का उपयोग मराठा नेता शिवाजी ने अफजल खान की हत्या करने के लिए किया था।