मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को अपनी जान पर खतरा मंडरता हुआ नजर आ रहा है. यही वजह है कि उसने विशेष अदालत में नवी मुंबई की तलोजा जेल से नासिक सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के आदेश के खिलाफ अर्जी दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. अब गैंगस्टर अपनी गुहार लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा है. उसने जेल बदलने के आदेश को अपने खिलाफ साजिश करार दिया है.
फिलहाल तलोजा जेल में है अबू सलेम
अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल में 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसका कहना है कि तलोजा जेल उसके लिए बहुत सुरक्षित रही है. किसी अन्य जेल में भेजे जाने पर उसके प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य उस पर हमला कर सकते हैं. बुधवार को सलेम की याचिका न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष रखी गई. खंडपीठ ने बिना कोई कारण बताए इस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. याचिका अब दूसरी खंडपीठ के समक्ष रखी जाएगी. अबू सलेम ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली में उसके दो मुकदमे चल रहे हैं. उसे वहां की अक्सर यात्रा करनी पड़ती है. किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने से उसकी दिल्ली यात्रा प्रभावित होगी, जिससे उसके खिलाफ मुकदमे में देरी हो सकती है.
तलोजा जेल के अंदर मौजूद हाई सिक्योरिटी सेल की हालत खस्ता
अबू सलेम की याचिका पर जेल अधिकारियों ने विशेष अदालत को बताया था कि उसको नासिक सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, क्योंकि तलोजा जेल के अंदर मौजूद हाई सिक्योरिटी सेल की हालत खस्ता है. उसे तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है. इस पर सलेम ने तर्क दिया था कि उसे तलोजा जेल के अंदर ही किसी अन्य बैरक में स्थानांतरित किया जा सकता है.
मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में है दोषी
साल 2017 में अबू सलेम को 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी ठहराया गया था. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. उसे 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. मार्च 2006 को विशेष टाडा अदालत ने उसके और उसके सहयोगी रियाज सिद्दीकी के खिलाफ आठ आरोप दायर किए थे. उस पर हथियार बांटने का आरोप भी लगाया गया था.