मुंबई। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के अच्छा प्रदर्शन न कर पाने की जिम्मेदारी ली है और इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें महाविकास अघाड़ी की तीन पार्टियों के अलावा एक नैरेटिव से भी लड़ना पड़ा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं नेतृत्व से मांग करूंगा कि मुझे सरकार के कामकाज से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘मैं भागने वाला आदमी नहीं हूं। इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं। जनता के बीच जाएंगे और नए सिरे से काम करेंगे।’ फडणवीस ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भाजपा के संगठन को मजबूत करने में लग जाऊं। देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की मीटिंग के बाद यह बात कही। बुधवार को ही भाजपा नेताओं की मीटिंग हुई थी, जिसमें लोकसभा चुनाव में आए नतीजों पर मंथन किया गया।
नीतीश पलट गए तब भी BJP बना सकती है NDA सरकार; क्या है सीट समीकरण
राज्य में भाजपा को महज 9 सीटों पर ही जीत मिली है, जबकि 2019 में भाजपा को राज्य में 23 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा को इस बार लोकसभा चुनाव में 240 सीटें ही मिली हैं। यूपी, महाराष्ट्र, बंगाल और राजस्थान जैसे राज्यों में भाजपा को करारा झटका लगा है। इन्हीं राज्यों से उसे इतना झटका लग गया है कि वह बहुमत से चूक गई। भाजपा में तो वह महज 33 पर ठहर गई, जहां 2019 में वह 62 सीटें जीती थी। इस मीटिंग में डिप्टी सीएम फडणवीस के अलावा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे।
NDA ने तय किया था 45 सीटों का टारगेट, पर जीते सिर्फ 17
मीटिंग में विस्तार से हार के कारणों पर चर्चा की गई। इस बार राज्य में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने मिलकर 17 सीटें जीती हैं। 48 सीटों वाले राज्य से यह आंकड़ा काफी कम है। वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा है। तीनों दलों ने मिलकर 30 सीटों पर जीत हासिल की है। गौरतलब है कि राज्य में एनडीए ने 45 सीटों पर जीत का टारगेट तय किया था। नतीजा उसके एक तिहाई के करीब ही रहा। कांग्रेस को महाराष्ट्र में कुल 13 सीटें मिली हैं, जो 2019 के उसके प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी सफलता है।