नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार ब्रिटेन (Britain) की नामी फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने अब पहली बार कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) से गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि, इसी वैक्सीन को भारत में ‘कोविशील्ड’ के नाम से जाना जाता है। फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था। अब इस वैक्सीन लेने के बाद मौत, ब्लड क्लॉटिंग और दूसरी गंभीर दिक्कतों के कारण एस्ट्राजेनेका कानूनी कार्रवाई का सामना कर रही है।वहीं कई परिवारों ने आरोप लगाया कि वैक्सीन के कारण गंभीर साइड इफेक्ट भी हुए हैं।
मामले पर ब्रिटेन के नामी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने कोर्ट के दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसकी मानें तो, एस्ट्राजेनेका के खिलाफ पहला केस जेमी स्कॉट नाम के व्यक्ति ने दर्ज करवाया था। तब अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद वे स्थायी रूप से वे ब्रेन इंजरी का शिकार हो गए। वैक्सीन लेने के बाद वो काम नहीं कर पाए। जेमी की हालत ऐसी थी कि अस्पताल ने उस दौरान उनकी पत्नी को तीन बार कॉल करके बताया कि उनके पति भी मरने वाले हैं।
वैक्सीन की वजह से साइड इफेक्ट्स
सबसे अहम् बात यह है कि जैमी स्कॉट समेत अन्य मरीजों के मामलों से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ थ्रोम्बोसिस नाम की एक रेयर साइड इफेक्ट की बात सामने आई। इस सिंड्रोम की वजह से ब्लड क्लॉट और प्लेटलेट काउंट घटने जैसी समस्याएं भी होती हैं। एस्ट्राजेनेका कंपनी की ओर से यूके के हाई कोर्ट में पेश किए गए कानूनी दस्तावेजों में कहा गया है कि वैक्सीन की वजह से टीटीएस जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन इसकी आशंका बेहद ही कम होती है।
वहीं भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत ही देश में इस वैक्सीन का उत्पाद किया था और इसे सिर्फ भारत के ही कोविड टीकाकरण अभियान में ही नहीं इस्तेमाल किया गया था, बल्कि दुनिया के कई देशों को फिर निर्यात भी किया था। ‘कोविशील्ड’ के अलावा इस वैक्सीन को कई देशों में ‘वैक्सजेवरिया’ ब्रांड नाम से भी बेचा गया था।