नासिक: नासिक (Nashik) जिला उपभोक्ता पंचायत के उपाध्यक्ष सुरेश पाटिल ने दावा किया है कि महावितरण (Mahavitaran) द्वारा बिजली की कीमत में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि (Electricity Price Hike) के कारण आम उपभोक्ताओं को अप्रैल से वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ेगा। बिजली के दाम बढ़ने से ग्राहकों को झटका लगने वाला है। उन्होंने कहा यह मूल्य वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए अनुचित है।
इस संबंध में जारी एक ज्ञापन में कहा गया है कि महावितरण ने टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की थी। आयोग ने याचिका मंजूर कर ली है और दरें बढ़ा दी गई हैं। मूल्य वृद्धि सामान्य ग्राहकों, व्यापारियों, किसानों, उद्योगों जैसे सभी श्रेणियों के ग्राहकों पर लागू होगी। महावितरण के लिए रिसाव को रोकना और अपने प्रशासन में सुधार करना आवश्यक है।
करोड़ों के बकाए की वसूली के लिए दरों में बढ़ोतरी की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन ऐसा न करते हुए सामान्य ग्राहक को धोखे में रखने का काम महावितरण कर रहा है, ऐसा पाटील का कहना है। इस संबंध में उपभोक्ता संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बयान दिया गया है और उपाय सुझाए गए हैं। उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री समेत अन्य अधिकारियों को मूल्य वृद्धि वापस लेने के लिए बैठक करनी चाहिए। इसमें उपभोक्ता संघ के पदाधिकारी, विद्युत उपभोक्ता समिति के सदस्य और उपभोक्ता पंचायत के सदस्यों को बुलाया जाए। यह मांग राज्य विद्युत उपभोक्ता समन्वय समिति के संयोजक प्रताप होगाडे, नाशिक जिला उपभोक्ता पंचायत के उपाध्यक्ष सुरेश पाटिल, सचिव विलास देवले ने की है।
इस प्रकार हुई बढोतरी
महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने एक अप्रैल से बिजली दरों में करीब दस से बीस फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। पहले ग्राहकों को 1 से 100 यूनिट तक 5 रुपये 58 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान करना पड़ता था। अब उन्हें प्रति यूनिट 5 रुपये 88 पैसे चुकाने होंगे। नई बढ़ोतरी के मुताबिक, 101 से 300 यूनिट तक 11 रुपये 46 पैसे, 301 से 500 यूनिट तक 15 रुपये 72 पैसे और 500 यूनिट से ज्यादा पर 17 रुपये 81 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ोतरी होगी। तय साइज भी बढ़ा दिया गया है और कीमत भी पहले की तुलना में दस से बीस फीसदी तक बढ़ गई है।